000 | 01586nam a22001937a 4500 | ||
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008 | 231128b ||||| |||| 00| 0 eng d | ||
082 |
_a576.82 _bNAN(M) |
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100 | _aNanawati, Prabhakar. | ||
245 | _aडार्विनचा उत्क्रांतीवाद/ Darvincha utkrantivad | ||
250 | _a1st ed. | ||
260 |
_aSatara _bMaharashtra Andhashradha Nirmulan Samiti _c2023 |
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300 | _a38p. | ||
365 | _bRs. 20/- | ||
520 | _aडार्विनच्या सिद्धांताचा विचार करताना पद्धतशीरपणे तर्क लढवत राहिल्यास वैज्ञानिक निश्चितीपर्यंत पोचता येते, हे लक्षात येईल. जगाच्या रचनेत सुसंबद्धता असल्यास डार्विनचा सिद्धांत तंतोतंत लागू होईल. परंतु सुसंबद्धता नसल्यास, डार्विनचाच नव्हे तर, इतर कुठलाही सिद्धांत लागू होणार नाही. पुरावे नाकारणे किंवा सिद्धांत खोटा आहे असे विधान करणे, हे विश्वाच्या सुसंबद्धतेलाच आव्हान दिल्यासारखे होईल. | ||
546 | _aMarathi | ||
650 | _aDarwin's evolution | ||
650 | _aEvolution | ||
942 | _cBKM | ||
999 |
_c14656 _d14656 |