RTI कैसे आई!/ RTI Kaise Aayee!

By: Roy, ArunaContributor(s): Shrivastav, Abhishek [Translatore]Material type: TextTextPublication details: New Delhi Rajkamal Prakashan 2023Edition: 4th edDescription: 342pISBN: 9789387462830Subject(s): Social justice | Social movements | ndia--Rajasthan | India | RTI story | IndiaDDC classification: 323.4450
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प्रस्तावना हिन्दी संस्करण की भूमिका आभार भूमिका
अध्याय एक प्यार जी का अनुरोध और उमरवास की जन सुनवाई
उमरवास से पहले
अध्याय दो देवडूंगरी : संघर्ष की शुरुआत
अध्याय तीन सोहनगढ़ और जमीन का संघर्ष
अध्याय चार एमकेएसएस का जन्म और उसकी सोच-विचार
अध्याय पाँच पहली भूख हड़ताल, 1990
अध्याय छह न्यूनतम मजदूरी पर भीम में सम्मेलन
अध्याय सात
दूसरी भूख हड़ताल, 1991-एक ऐतिहासिक घटना
अध्याय आठ
मुक्त और खुले बाजार के मिथक का परदाफाश
अध्याय नौ पारदर्शिता की माँग का सूत्रीकरण
अध्याय दस एमकेएसएस और जन सुनवाइयाँ
अध्याय ग्यारह राजनीतिक वादे और जवाबदेही
अध्याय बारह हमारा पैसा, हमारा हिसाब : ब्यावर और जयपुर का धरना, 1996
अध्याय तेरह एनसीपीआरआइ का गठन और कानून का बनना
अध्याय चौदह अभियान का सफर और प्रक्रिया : जन सुनवाइयाँ
अध्याय पन्द्रह राजस्थान में प्रखंड स्तर के धरने
अध्याय सोलह जयपुर में धरना : मई-अगस्त, 1997
अध्याय सत्रह एनसीपीआरआइ और राज्य के कानून
अध्याय अट्ठारह जन सुनवाइयों का दूसरा चरण
अध्याय उन्नीस राजस्थान का कानून : एक अन्तरिम सफलता
उमरवास के बाद...
अध्याय इक्कीस जनावद की जन सुनवाई
अध्याय बाईस सरकारी जाँच ने जनावद की जन सुनवाई पर लगाई मुहर
अध्याय तेईस एनसीपीआरआइ का अधिवेशन, ब्यावर, 2001
अध्याय चौबीस जनावद के बाद राजस्थान सरकार की प्रतिक्रिया
अध्याय पच्चीस जन नीति अभियान
अध्याय छब्बीस फ्रीडम ऑफ इनफॉर्मेशन बिल, 2002
अध्याय सत्ताईस दिल्ली के संगी-साथी
अध्याय अट्ठाईस दूसरा एनसीपीआरआइ, 2004
अध्याय उनतीस आरटीआइ कानून, 2005 और एनएसी
अध्याय तीस आरटीआइ में संशोधन, 2006
उपसंहार
लोग जुड़ते रहे, कारवाँ बढ़ता गया
सन्दर्भ
अनुक्रमणिका

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