अदृश्य : भारत में मौसमी पलायन का मानचित्र बनाने कि ओर/ Adrushya : bharat men mausami palayan ka manchitr banane ki or COVID १९ पहले साल के अध्ययन के निष्कर्ष २०२२/ COVID 19- pahle sal ke adhyayan ke nishkarsh 2022
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YUVA Library | 331.1/CEN(H/KR) (Browse shelf (Opens below)) | Not for loan | RP04485 |
यह रिपोर्ट कई लोगों व संगठनों के सहयोग से उनके द्वारा दिए गए इनपुट से तैयार हो पाया है। हमारे शोध में सहभागी बनने के लिए सहमति देने वाले सभी संगठनों का हम धन्यवाद करना चाहते हैं। इन संगठनों ने हमें फीडबैक दिया और अध्ययन के अलग- अलग चरणों में पलायन पर अपने-अपने कामों को हमारे साथ साझा किया। इन संगठनों में ग्राम वाणी, सेंटर फॉर माइग्रेशन एंड इंक्लूसिव डेवलपमेंट, पार्टनरिंग होप इन टू एक्शन (पीएचआईए) फाउंडेशन, युवा, ग्रष्ण विकास, समाज प्रगति सहयोग और कम्यूनिटी अवेयरनेस रिसर्च एक एडुकेश। ट्रस्ट शामिल है। हम आईजीआईडीआर प्रोफेसर चन्द्रशेखर के प्रति आभार व्यक्त करना चाहते है। उन्होंने हमारा सैद्धातिक नोट पढ़ा और हमारा हौसला बढ़ाया। बजट रिसर्च एंड एनालिसिस सेंटर, गुजरात के महेंदर जेठमलानी ने गुजरात के निष्कर्षों पर काम किया। अल्पेश भावसर ने प्रवासी मजदूरों से संबन्धित आकड़ों के लिए सूचना के अधिकार के तहत आवेदन किया। हम इन दोनों के आभारी हैं। हमारे अध्ययन के मसौदा निष्कर्षों को दिल्ली में परामर्श बैठक में प्रस्तुत किया गया। हम इस बैठक में मौजूद सभी सहभागियों के प्रति आभार प्रकट करते हैं। इस परामर्श बैठक के अलग-अलग सबों में अध्यक्षता करने के लिए प्रोफेसर देबोलीना कुंडु और कान्ह सी प्रधान को विशेष धन्यवाद। सबसे अंत में हम रोजा लक्ज़मबर्ग स्टीफतुग के नाड्या डोस्चर्चेर और राजीव कुमार के प्रति दिल से आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने हमारे अध्ययन को अंजाम तक पहुंचाने में मदद की।
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