स्वयंसेवी कार्यवाई की भूमिका : ढांचागत समायोजन और पुनर्वपनिवेशीकरण का जवाब: 21-22 अप्रैल 1992 को तिरुअनंतपुरम, केरल में वाणी द्वारा अयोजित राष्ट्रीय गोष्ठी की रिपोर्ट/ Swayamsevi karyvaie ki bhumika: dhanchagat samayojana aur punrupaniveshikaran ka javab: 21-22 april 1992 ko tiruanantpuram , keral men vani dwara ayojit rashtriya goshthi ki report - New Delhi Volantary action network iIndia 1992 - 42p.;ill.

सारांश: वर्तमान भारत में स्वयंसेवी कार्यवाई की भूमिका
1. संदर्भ
2. ढांचागत समायोजन और पुनर्वपनिवेशीकरण
3. निहितार्थ
4. स्वयंसेवी कार्रवाइयों की भूमिका के लिए निहितार्थ
• विरोधाभास और जटिलताएँ
दायित्व विमुखता
संसाधन की राजनीति
• केन्द्रीकरण
नयी घटनाओं के प्रति संवेदनशीलता
ध्रुवीकरण
• लिंक
• गठजोड़
5. क्या किया जाये ?
दस्तावेज, विश्लेषण, प्रचार-प्रसार, लामवन्दी विकल्प स्वयंसेवी कार्य प्रणाली में परिवर्तन
सहयोग
6. त्रिवेन्द्रम गोष्ठी पर कुछ विचार और भावी दिशा
7. प्रस्ताव और बयान
अनुलग्नक
। गोष्ठी की संरचना
॥ चित्र
III संगोष्ठी में वितरित लेखों की सूची
IV प्रतिभागियों की सूची

This report based on the national seminar organized by Vani on 21-22 April 1992 at thiruvananthapuram, Kerala.


Structural adjustment
Social condition
Economic history
Role of voluntary action

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